मैं भगवान से नफ़रत करता हूँ?
इतनी नफ़रत?
कहीं ऐसा तो नहीं कि
मुझे भगवान में
बाप, बड़ा भाई
मास्टर-मौलवी
या कि मेरा बॉस नज़र आता है
ऐसा क्या?
अगर यह सच है तो
मेरी अपने भगवान से विनर्म विनती है कि
वो प्लीज़ मेरा बाप, भाई, मास्टर-मौलवी
और मेरा बॉस बनना बंद करे
और हाँ !
बाप, भाई, मास्टर-मौलवी और बॉस से विनती है कि
वो भी प्लीज़ भगवान बनना बंद करे
और मेरे और भगवान के बीच
कांटेदार बड़ा ना बनें
प्लीज़ !
प्लीज़ का मतलब समझते हैं ना?
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ReplyDeleteNice poem, Gussa honey tak to theek hai, nafrat mat karo.
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