पंखों को आदाब सिखा कर उड़ने का हुनर ही भूल गया
उड़ते रह कर, कूक लगा कर अफ़साने गाना भूल गया
हमसफी छोड़ कर अपनों का ठिकाना भूल गया
आब-ओ-दाना भूल गया
चुग्गे का दाना भूल गया
भूल गया, हाय! यूँही फ़िज़ूल गया
उड़ते रह कर, कूक लगा कर अफ़साने गाना भूल गया
हमसफी छोड़ कर अपनों का ठिकाना भूल गया
आब-ओ-दाना भूल गया
चुग्गे का दाना भूल गया
भूल गया, हाय! यूँही फ़िज़ूल गया
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