Monday, April 2, 2012

सब बिकता है

जो बिकता है वो टिकता है
यहाँ नायक बिकता है खलनायक बिकता है
राजा बिकता है राजनेता बिकता है
बहन बिकती है बेटा बिकता है
गाँधी का बन्दर और अन्ना का टोप बिकता है
तस्वीर बिकती है, तुलसी और मीर बिकता है
पशुओं का चारा बिकता है
पेटीकोट का नाड़ा बिकता है
खेल बिकता है खेलवय्या बिकता है
तेल बिकता है, रेलम-पेल बिकता है
राम बिकता है हनुमान बिकता है
गीता और क़ुरान बिकता है
हिट बिकता है फ्लॉप बिकता है
पॉप बिकता है, मन्त्रों का जाप बिकता है
हर शय, हर एक किरदार बिकता है
यहाँ तो खरीदार भी बिकता है
बार-बार बिकता है
राइट बिकता है, लेफ्ट और सेन्टर भी बिकता है
सब बिकता है

जय हो ! तेरी, अधिनायक
जय हो !
अब तो तू भी बिकता है
तभी तो पांच साल टिकता है

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