कोलाज
किस्से, कहानिओं, कविताओं की ड्योढ़ी
Thursday, July 15, 2010
मेरी कविताओं के सफ़र का पहला स्टेशन
चार कोस की दुनिया है
भागूं तो किधर भागूं
चार कोस के बाहर भागूं
यानि की दुनिया से बाहर भागूं
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